ध्यान करने के बहुत सारे फायदे हैं यह हम सब जानते हैं अगर आप नहीं जानते हैं तो मेरे इस Article को हिंदी में पढ़ सकते हैं।
पर क्या रोज ध्यान करना जरूरी है? आइए इस बात को भी गहराई से समझते हैं–
2 Important Rules For Dhyan in Hindi
किसी भी कार्य को करने के लिए हमें दो चीजों की जरूरत होती है तभी उस कार्य का सही benefit हमें मिल पाता है और वह दो चीजें हैं उस कार्य को करने का सही Technique और Regularity या Consistency.
मान लीजिए आप एक नाव में बैठे हैं और आपको एक छोर से दूसरे छोर तक जाना है तो आपके अंदर दो चीजों का होना बहुत आवश्यक है।
पहला कि आपको नाव चलाने आता हो मतलब आपको नाव चलाने की सही Technique पता हो और दूसरा कि आपके अंदर धैर्य (Patience) रखने की क्षमता हो जिससे आप Consistently नाव चला कर एक छोर से दूसरे छोर तक की अपनी यात्रा पूरा कर सकें।
अगर इन दोनों में से कोई भी एक क्वालिटी (quality) आपके अंदर नहीं होगी तो आप अपनी यात्रा पूरी नहीं कर सकेंगे।
खुशहाल जीवन जीने का सबसे अच्छा तरीका : The Best Way To Live A Happy Life In Hindi
अगर आप ध्यान से देखेंगे तो पाएंगे कि हमारा जीवन भी धरती पर एक यात्रा ही तो है पर हमें पता नहीं चल पाता है की इस छोटी सी यात्रा में हमारा मंजिल क्या है।
जिन लोगों ने भी समय रहते जीवन के अपने मूल उद्देश्य को समझ लिया उनकी जीवन मरण की यात्रा पूर्णतया समाप्त हो जाती है जिसे हम मुक्ति, मोक्ष या और भी बहुत सारे नाम से जानते हैं।
हम सभी जानते हैं कि कोई भी यात्रा पूर्ण करने के लिए किसी न किसी माध्यम की भी आवश्यकता होती है बिना माध्यम के हम अपने जीवन के लक्ष्य तक कभी नहीं पहुंच सकते।
जैसे अगर हमें एक शहर से दूसरे शहर जाना होता है तो हम किसी ट्रेन,बस या फ्लाइट का सहारा लेते हैं और मंजिल पर पहुंच कर उस माध्यम को छोड़ देते हैं हमारा लक्ष्य उस माध्यम को इस्तेमाल (use) कर के अपने लक्ष्य तक पहुंचना होता है।
इसलिए आज से हजारों वर्ष पूर्व ही महान ज्ञानी व्यक्तियों ने इस माध्यम की जरूरत को समझा और कठिन खोज (research) करके इस माध्यम को ढूंढ निकाला।
ध्यान (Meditation) ही वह माध्यम (medium) है जिसके जरिए हम खुद से खुद की दूरी तय करते हैं मतलब हम ध्यान के जरिए भीतर की ओर एक यात्रा शुरू करते हैं और अपने जड़ तक यानि जीवन के उद्गम तक पहुंचते हैं।
जहां पहुंचकर हम पाते हैं कि हमें कहीं जाना ही नहीं था। जिस प्रकार मृग या हिरन (deer) जंगल जंगल कस्तूरी से निकली हुई उस मनमोहिनी खुशबू को ढूंढता रहता है और पुरे जीवन उसी के खोज में भागता रहता है पर उसे यह नहीं पता होता कि वह कस्तूरी उसके नाभि में ही है।
हमारे जीवनकी अंधी दौड़ भी समाप्त हो जाती है।
धीरे धीरे जीवन के सारे रहस्य पर से पर्दा उठता चला जाता है और हम आनंद से परम आनंद और परमानंद से उस दिव्य शक्ति में विलीन होने का भी अनुभव करते हैं।
और जीवन के दुखों से हमेसा के लिए (permanent) छुटकारा पाते हैं। यह सब बातें सुनने में तो बहुत ही रोमांचित करने वाली लगती हैं और हमें motivate भी कर सकती हैं। पर इसके लिए हमें सही तरीके से ध्यान (Meditation) लगाना आना चाहिए और इसका निरंतर अभ्यास करते रहना चाहिए।

निरंतर अभ्यास और बिना कुछ पाने की इच्छा ही ध्यान में सफलता की एकमात्र कुंजी है.
ध्यान (Meditation) जब भी करें तो कभी भी कुछ पाने के लिए नहीं कभी भी खुद को कोई लक्ष्य ना दें क्योंकि ध्यान का कार्य ही है आपको भीतर से बिल्कुल खाली कर देना आपको विचारों से मुक्त कर देना है।
अगर आपने मन में कोई भी लक्ष्य लिया होगा या कुछ भी पाने की इच्छा से ध्यान करेंगे तो आप कभी भी ध्यान (Meditation) के शिखर तक नहीं पहुंच पाएंगे। जब आपके भीतर कुछ नहीं होगा तभी आप स्वयं से मिलेंगे।
ध्यान (Meditation) रोज करना चाहिए या नहीं करना चाहिए इस बात को समझाने के लिए ही मैंने गहराई से सब बातों को बताया है ताकि आप खुद निर्धारित कर सके कि आपको रोज ध्यान करना चाहिए या नहीं।
अब आप इस सवाल का जवाब आप खुद से खुद को देंगे तो ज्यादा बेहतर होगा मेरा काम तो सिर्फ आपको सही मार्गदर्शन देना मात्र है। इस मूल्यवान जीवन की यात्रा को सफल बनाएं, अपने जीवन के लक्ष्य को समझें।
और उसे पाने के लिए आज अभी से ही प्रयत्न (practice) शुरू कर दें। इससे पहले कि यह यात्रा समाप्त हो जाए!
आप सभी का मंगल हो आप सभी सफल हो।
Dhyan in hindi / Meditation in hindi
धन्यवाद।
ध्यान से ज्ञान तक!
It’s amazing. Thank you for sharing this.
Thanks!
You explained so beautifully with suitable examples. Sabka mangal ho sabka kalyan ho!🙏
Thank you Abhishek….